
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री और कांग्रेस विधायक कवासी लखमा की Z श्रेणी की सुरक्षा हटा दी गई है। यह कार्रवाई शराब घोटाले में उनकी गिरफ्तारी के बाद की गई। बुधवार को कोर्ट में पेशी तक उन्हें Z सुरक्षा मिली हुई थी। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने घोटाले से जुड़े उनके वित्तीय लेन-देन की गहन जांच शुरू कर दी है।
शराब घोटाले में गंभीर आरोप –
कवासी लखमा पर हर महीने 2 करोड़ रुपये कमीशन लेने का आरोप है। इस घोटाले के तहत 2 साल में 2161 करोड़ रुपये का गबन होने की बात सामने आई है। ईडी ने लखमा, उनकी पत्नी, बेटे हरीश, और अन्य परिजनों के बैंक खातों की जांच शुरू कर दी है।
ईडी की कार्रवाई : दिनभर ऑफिस में रखा, पूछताछ नहीं हुई –
गुरुवार को ईडी ने कवासी लखमा को पचपेढ़ीनाका स्थित दफ्तर में दिनभर बैठाए रखा, लेकिन उनसे कोई पूछताछ नहीं की गई। ईडी ने पहले कई आबकारी अधिकारियों से पूछताछ की है और उनके खिलाफ ठोस सबूत जुटाए हैं।
परिवार के खातों में जांच –
लखमा के बेटे हरीश और पत्नी के बैंक खातों की गहन जांच की जा रही है। उनके मकान निर्माण के लिए फंड कहां से आया और कितनी राशि ट्रांसफर हुई, इसका रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है।
भूपेश बघेल के साथ दस्तावेज पर साइन –
ईडी के अनुसार, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ कवासी लखमा के नोटशीट पर साइन होने की बात भी सामने आई है। ईडी अब इन दस्तावेजों से घोटाले की कड़ियां जोड़ने का प्रयास कर रही है।
आबकारी अधिकारियों की गिरफ्तारी संभव –
ईडी को आबकारी अधिकारियों कन्हैया लाल कुर्रे और जगन्नाथ के खिलाफ महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं। दोनों से पहले पूछताछ की जा चुकी है और जल्द ही उनकी गिरफ्तारी हो सकती है।
छत्तीसगढ़ का यह शराब घोटाला राज्य की राजनीति में बड़ा मुद्दा बन चुका है। ईडी की कार्रवाई से कांग्रेस और पूर्व मंत्री लखमा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।