छत्तीसगढ़रायपुर

छत्तीसगढ़ बड़ी खबर : नशीली गोलियों की सप्लाई चेन की मुख्य कड़ी तोड़ने में कामयाब हुई पुलिस, आरोपी गुजरात से गिरफ्तार

रायपुर। रायपुर पुलिस ने छत्‍तीसगढ़ में नशे में प्रयुक्त की जाने वाली गोलियों की सप्लाई चेन की मुख्य कड़ी को तोड़ने में बड़ी सफलता हासिल है। पुलिस ने यह गोलियां बनाने वाली गुजरात की वी-केयर हेल्थ केयर कंपनी के संचालक विरल मुकेश भाई पटेल को गुजरात के गांधी नगर से गिरफ्तार किया है। आरोपित ने वी-केयर का आफिस मेहशाणा (गुजरात) में खोल रखा था, जो हमेशा बंद रहता था। गोलियों व सिरप का उत्पादन वह हिमाचल प्रदेश में कर सप्लाई लगातार कर रहा था।

बता दें कि पुलिस ने इन गोलियों की बिक्री करने वाले कई स्थानीय विक्रेताओं, दवा दुकान संचालकों, सप्लायरों और थोक विक्रेताओं की गिरफ्तारी पहले ही कर चुकी है। मुख्य आरोपित की ही उसे तलाश थी। वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार ने हुक्का बार के संचालन को अवैध घोषित करते हुए नया कानून लागू कर दिया है। इसमें आरोपित पर गैर-जमानतीय मामला दर्ज किया जाएगा।

इस मामले का राजफाश करते हुए एएसपी सिटी अभिषेक माहेश्वरी और एएसपी पश्चिम देवचरण पटेल ने बताया कि मुख्य आरोपित विरल मुकेश भाई पटेल जबलपुर के दवा कारोबारी आकाश विश्वकर्मा के माध्यम से छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और ओडिशा में नशे में प्रयुक्त की जाने वाली गोलियों को खपाता था। वह कुल उत्पादन की 80 प्रतिशत गोलियां जबलपुर के मां नर्मदा कंपनी को देता था।

आकाश माल खपाने के लिए अलग-अलग शहरों में गोलियां भेजकर पैसा कलेक्शन करने का काम भी करता था। बता दें कि थाना आजाद चौक क्षेत्र में पुलिस ने 11 अक्टूबर 2022 को छह आरोपितों को बड़ी मात्रा में नशे में प्रयुक्त की जाने वाली गोलियों के साथ गिरफ्तार किया गया था।
पूछताछ में आरोपितों ने बताया था कि जबलपुर स्थित मां नर्मदा फार्मा के संचालक आकाश विश्वकर्मा से वे यह गोलियां खरीदते हैं। इस पर पुलिस ने जबलपुर से आकाश विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया। उसने बताया कि यह गोलियां वह गुजरात के गांधीनगर निवासी वी-केयर हेल्थ केयर के संचालक विरल मुकेश भाई पटेल से खरीदता है।

95 प्रतिशत बाजार पर वी-केयर का कब्जा –

बता दें कि प्रदेश में खपाई जाने वाली नशे में प्रयुक्त होने वाली गोलियां और सिरप के लगभग 95 प्रतिश्ात बाजार पर गुजरात की वी-केयर हेल्थ कंपनी का ही कब्जा है। पिछले एक वर्ष में प्रदेशभर से 50 लाख से अधिक ऐसी गोलियां व सिरप जब्त किए गए हैं।

50 पैसे की दवा 50 रुपये में –

बताया जाता है कि इन गोलियों की लागत प्रति गोली बमुश्किल 50 पैसे पड़ती है, जिन्हें थोक कारोबारी दो रुपये में बेचता है। रायपुर पहुंचते तक इसकी कीमत तीन से चार रुपये पड़ती है। दवा कारोबारी बिचौलियों के माध्यम से प्रति गोली 50 रुपये में बेचते हैं।

कंपनी का आफिस कभी खुला ही नहीं –

विरल मुकेश के कार्यालय को गुजरात के मेहशाणा में खोला गया। पुलिस और औषधीय विभाग की टीम विरल मुकेश भाई पटेल की तलाश में जब कंपनी के मेहशाणा, गुजरात स्थित दफ्तर पहुंची तो वहां ताला लटका था। स्थानीय लोगों से बात की तो पता चला कि वह कभी खुला ही नहीं। वहां कोई आता-जाता भी नहीं।

स्पासमो, अल्प्राजोलम में पेट दर्द की दवा मिलवाता था –

पुलिस के अनुसार नशे में प्रयुक्त की जाने वाली गोलियों स्पासमो और अल्प्राजोलम को और ज्यादा असरदार बनाने के लिए विरल मुकेश इसमें पेट दर्द में दी जाने वाली दवा ट्रामाडोल का कंटेंट मिलवाता था। ट्रामाडोल ज्यादा मात्रा में लेने पर नशे का काम करती है।

पूर्व में इनकी गिरफ्तारी –

विरल मुकेश से पहले पुलिस कियाजुद्दीन खान उर्फ विक्की, जे. भास्कर राव, रविंद्र गोयल, मुकेश कुमार साहू, मो. हसन और रायपुर निवासी साहिल हसन को गिरफ्तार कर उनके पास से एक लाख 57 हजार 400 गोलियां जब्त की थी। इसके बाद जबलपुर से आकाश विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया था।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!